Saakhi : जब एक सत्संगी अपने बीबी बच्चों को घर अकेला छोड़ सेवा पर चले आता है । जरूर सुने

 

साध संगत जी, आज की यह साखी सुनकर हमें यह पता चलेगा कि जब हम गुरु घर की सेवा कर रहे होते हैं और हमारे पीछे कोई नुकसान हो जाता है, कोई मुश्किल हम पर और हमारे परिवार पर आ जाती है तो उस समय सतगुरु कैसे हमारी संभाल करते हैं वह आज हमें इस साखी के माध्यम से पता चलेगा तो साध संगत जी साखी को पूरा सुनने की कृपालता करे जी ।

साध संगत जी, एक बार एक सेठ कुछ दिनों की सेवा के लिए जत्थे के साथ सेवा में आया हुआ था जब वो सेवा कर रहा था तो संगत साथ-साथ शब्द गा रही थी, वो भी गाने लगा पड़ा था, संगत के माहौल में उसका दिल लग गया, वह सोच रहा था कि कुछ दिन और रुक जाता हूँ, कुछ दिन और सेवा कर के चला जाऊंगा, तो साध संगत जी वह कुछ दिन और रुक गया, तो रात को जब शेड में सोने लगा तो देखता है कि बहुत सी संगत भजन बंदगी कर रही है, सोचने लगा कि घर तो मन नहीं लगता, यहाँ पर माहौल भी है और मौका भी मिला हुआ है, सबके साथ बैठ कर सुमिरन करता हूं, तो उसने सोचा कि मौके का फायदा उठाता हूँ, और बैठ जाता हूँ, तो भजन में उसका खूब मन लगा और वो आधी रात तक सुमिरन करता रहा और उसी रात उसके घर पर डाका पड़ गया, अगले दिन उसके घर वालों ने फ़ोन कर उसको सूचना दी, तो यह सुनकर वो निराश हो गया और थोड़ा गुस्से में भी आ गया, तो साध संगत जी यह बात सतगुरु तक जा पहुंची, कुछ सेवादारों ने सतगुरु को बता दिया कि वह बहुत गुस्से में है तो उसे बुलाया गया तो उसने सतगुरु से गिला जताते हुए कहा कि, मैं तो यहाँ सेवा करने आया था, और मुझे क्या पता कि पीछे मेरा घर ही लुट जाएगा, तब सतगुरु ने कहा  चिंता ना करो, बहुत कम नुकसान हुआ है, तुम्हारा तो सब कुछ लुट जाना था, यह तो तुम्हे उस सेवा और सिमरन ने बचा लिया है, जब तुम भजन सिमरन कर रहे थे, तो डाकू तुम्हारे घर को लूट रहे थे और वह तुम्हारी तिजोरी नहीं तोड़ सके, तो जो थोड़ा बहुत बाहर सामान पढ़ा था, वही ले गए और तुम्हारे परिवार को भी कोई नुकसान नहीं हुआ, इतना सुनते ही वो सतगुरु के पैरों मैं गिर पढ़ा और रोने लगा क्योंकि उसे सेवा और सिमरन की सच्ची अहमियत समझ में आ चुकी थी, तो साध संगत जी इस साखी से हमें यही शिक्षा मिलती है कि भजन सिमरन की ताकत, और जो सतगुरु है वो सदा हमारे अंग संग रहते है, एक हम ही है जो हमेशा टाल जाते हैं और अपने गुरु पे भरोसा नहीं करते, लेकिन सतगुरु पल पल हमारी संभाल करते है हमें मुश्किलों से बचाते है ।

साध संगत जी इसी के साथ हम आपसे इजाजत लेते हैं आगे मिलेंगे एक नई साखी के साथ, अगर आपको ये साखी अच्छी लगी हो तो इसे और संगत के साथ शेयर जरुर करना, ताकि यह संदेश गुरु के हर प्रेमी सत्संगी के पास पहुंच सकें और अगर आप साखियां, सत्संग और रूहानियत से जुड़ी बातें पढ़ना पसंद करते है तो आप नीचे E-Mail डालकर इस Website को Subscribe कर लीजिए, ताकि हर नई साखी की Notification आप तक पहुंच सके । 

By Sant Vachan


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