Saakhi : जब 2:30 घंटे भजन करने वाली लड़की की शादी देवी देवताओं की पूजा करने वाले परिवार में होती है

 

साध संगत जी आज की यह साखी एक प्रेरणादायक साखी है जो कि एक नवविवाहित लड़की की है जब घंटो भजन करने वाली लड़की की शादी एक गैर सत्संगी परिवार में हो जाती है और उसे कैसी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है और लोग उसके बारे में क्या-क्या बातें बनाने लगते हैं वह उन्होंने संगत से सांझा किया है तो साध संगत जी साखी को पूरा सुनने की कृपालता करें जी ।

साध संगत जी एक सत्संगी परिवार की लड़की की शादी एक गैर सत्संगी परिवार में हो जाती है जिन्हें मालिक की कोई खबर नहीं होती और ना ही उन्हें रूहानियत के बारे में ज्ञान होता है तो जब ऐसे लोगों से किसी सत्संगी का मेल मिलाप होता है तो वह लोग सत्संगी लोगों को इस मार्ग पर चलता देख हंसने लगते हैं कि यह क्या कर रहे है जब वह भजन पर बैठते हैं तो भी उन्हें देख देख हंसते रहते हैं क्योंकि उन्हें इस मार्ग की कोई खबर नहीं होती मालिक की कोई खबर नहीं होती, तो इसलिए वह यह सब देख कर मजाक करने लगते हैं और उन्हें परेशान करने लग जाते हैं साध संगत जी जब लड़की की शादी एक ऐसे परिवार में हो जाती है तो उसे यह देख कर बहुत दुख लगता है कि यह मैं कहां पर आ गई क्योंकि उसे वहां पर वह माहौल नहीं मिल पाता क्योंकि हमें वही लोग पसंद होते हैं जो हमारे जैसे हो और हमारी सोच के हो और जो हमारी सोच से और हमारे विचारों से विपरीत होता है हम उसको पसंद भी नहीं करते तो जब लड़की के साथ ऐसा होता है तो उसे वहां पर घुटन सी महसूस होने लगती है वह शादी के बाद भी वहां पर सत्संग ढूंढने की कोशिश करती है गुरु घर को ढूंढने की कोशिश करती है की संगत में जाऊं, सेवा में जाऊं, क्योंकि साध संगत जी जो एक बार संगत से जुड़ जाता है सतगुरु से जुड़ जाता है तो वह गुरु की संगत के बिना और सेवा के बिना रह नहीं पाता उसे संगत के बिना चैन नहीं मिलता और उसके अंदर हर पल गुरु घर जाने की तड़प पैदा होती रहती है संगत से मिलने की तड़प पैदा होती रहती है तो लड़की के साथ भी ऐसा ही हुआ और उसने भी अपने ससुराल में गुरु घर ढूंढने की कोशिश की तो जब उसे इस बात का पता चला की वह तो हमारे पास ही है वहां पर मैं पैदल चल कर भी जा सकती हूं तो जब उसने अपने पति से इसके बारे में बात की तो उसने साफ मना कर दिया कि हमारे घर की औरतें बाहर नहीं निकलती तो अपने पति की बात सुनकर उसे बहुत दुख लगा कि अब तो मैं गुरु घर भी नहीं जा सकती, सेवा भी नहीं कर सकती तो जब उसने इसके बारे में अपनी सासू मां से पूछा तो उन्होंने भी ऐसे ही कहा कि हमारे घर में यह सब नहीं होता तो उसे इस बात की समझ आ गई थी कि मेरा इस घर से बाहर निकलना बहुत मुश्किल है तो कुछ दिनों के बाद उसे यह पता चला कि इस मोहल्ले की औरतें इकट्ठी होकर मंदिर जाती हैं तो उसने भी उनके साथ जाने के बारे में सोचा तो जब उसने इसके बारे में अपने ससुराल वालों से बात की तो उसे इसकी इजाजत मिल गई क्योंकि मोहल्ले की सभी औरतें इकट्ठे होकर एक साथ मंदिर जाती थी तो वह भी उनके साथ जाने लगी और जब वह उनके साथ जाने लग पड़ी तो उसने देखा कि मंदिर से थोड़ी दूर ही सत्संग घर है मैं इसी के बहाने वहां पर भी चले जाया करूंगी थोड़ी सेवा ही कर आया करूंगी और उसने ऐसा ही किया तो वह मंदिर के बहाने अपने मोहल्ले की औरतों के साथ वहां पर चली जाती और कुछ दिन ऐसा ही चलता रहा वह घर से मंदिर चले जाया करती और जिनके साथ वह जाती थी उनको बोल दिया करती कि मुझे कुछ देर काम है मैं थोड़ी देर में ही वापस मंदिर में ही आ जाऊंगी, लेकिन एक दिन उसके पड़ोस में ही एक लड़के ने गलत बातें बना कर उसके ससुराल वालों को बता दी कि आपकी बहू को मैंने वहां पर देखा था और उसके साथ कोई था और उसने ऐसी बातें बनाकर अपने मोहल्ले वालों को भी बता दी और जब वह लड़की घर आई तो उसके ससुराल वालों ने उसकी पिटाई की उसे बहुत मारा साध संगत जी जब लड़की को यह बात पता चली कि मेरे बारे में किसी ने गलत बातें बना कर कही है तो उसने अपने ससुराल वालों को समझाने की कोशिश की लेकिन कोई भी उसकी बात को मानने के लिए तैयार नहीं हो रहा था तो उसे जब पता चला कि उसके पास में ही पड़ोस के लड़के ने उसके बारे में ऐसी बातें बना कर लोगों में कहीं है तो उसने जब उससे बात की और उसे समझाया तो यह सब सुनकर उस लड़के की नियत खराब हो गई और जब उस लड़की ने उसे सबको सब सच बताने के लिए कहा तो उसने इस बात से इनकार कर दिया और लड़की ने अपने ससुराल वालों को बहुत समझाया कि वह गलत बातें बताकर मेरे बारे में आपको बता रहा है जबकि ऐसा कुछ भी नहीं है तो ये सब देखकर लड़की को बहुत दुख हुआ और उसने बाहर जाना बिल्कुल बंद कर दिया क्योंकि अब उसके ससुराल वालों ने उसे बाहर जाने की अनुमति बिल्कुल ही बंद कर दी थी और वह लड़की के बारे में उसके माता-पिता से बात करना चाहते थे तो जब उन्होंने लड़की के माता-पिता से बात की तो उसके माता-पिता ने लड़की के ससुराल वालों को समझाया कि हमारी लड़की तो शुरू से ही सेवा और सत्संग सुनती आई है इसलिए वह संगत के बिना नहीं रह पाई होगी इसलिए उसने ऐसा किया होगा तो यह बात सुनकर लड़की के ससुराल वाले मान गए थे कि अवश्य ही ऐसा ही हुआ होगा लेकिन बाहर लोग बहुत बातें बना रहे थे तो यह सब देख कर लड़की ने किसी को कुछ नहीं कहा उसने अंदर रहकर डटकर भजन बंदगी की लेकिन लोग बाहर तरह-तरह की बातें करते थे लेकिन उसने किसी को कुछ नहीं कहा और कुछ दिनों के बाद यह खबर मिलती है कि जिस लड़के ने ऐसी गलत बातें बनाकर लोगों में कहीं थी उसे गले का कैंसर हो गया है और वह दर्द से चिल्ला रहा है यहां तक कि उसकी नौकरी भी उसके हाथ से चली गई और उसकी तकलीफ को देख कर उसे हॉस्पिटल में दाखिल करवाया गया है तो साध संगत जी इस साखी से हमें भी यही सीख मिलती है कि हम अपने फायदे के लिए दूसरों की जिंदगी को तहस-नहस कर देते हैं लेकिन हमें इस बात का भी ख्याल होना चाहिए कि हम जो भी करते हैं वह आज नहीं तो कल वापस हमारे पास ही आता है और हमें हर एक चीज का हिसाब किताब देना पड़ता है अगर हम किसी के बारे में बुरा सोचते हैं तो पहले हमारा ही बुरा होता है इसलिए अक्सर फरमाया जाता है कि भाई सब से प्रेम करो किसी की निंदिया मत करो क्योंकि ऐसा कर कर हम अपने ही कर्म बड़ा रहे होते हैं अपना ही बोझ बढ़ा रहे होते है और वह फिर इतना बढ़ जाता है कि हमसे उठाया नहीं जाता और फिर इसका भुगतान करने के लिए हमें कोई ना कोई बीमारी लग जाती है और अगर हम किसी ऐसे व्यक्ति का बुरा कर देते हैं या उस व्यक्ति का दिल दुखा देते हैं जो कि उस कुल मालिक के साथ जुड़ा हुआ होता है तब उसकी हमें कितनी भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है जिसका अंदाजा भी नहीं लगाया जा सकता क्योंकि जो मालिक से जुड़े हुए होते हैं उसकी भजन बंदगी करते हैं मालिक उनसे प्रेम करता और उनकी संभाल करता है और जो उन्हें कष्ट पहुंचाते है वह उन्हें दंड देता है और अपने भक्तों प्यारों की मदद के लिए सहाई होता है और उनका बाल भी बांका नही होने देता जैसे कि बानी में भी फरमाया गया है ।

विच करता पुरख खलोया, बाल ना विंगा होआ

साध संगत जी इसी के साथ हम आपसे इजाजत लेते हैं आगे मिलेंगे एक नई साखी के साथ, अगर आपको ये साखी अच्छी लगी हो तो इसे और संगत के साथ शेयर जरुर करना, ताकि यह संदेश गुरु के हर प्रेमी सत्संगी के पास पहुंच सकें और अगर आप साखियां, सत्संग और रूहानियत से जुड़ी बातें पढ़ना पसंद करते है तो आप नीचे E-Mail डालकर इस Website को Subscribe कर लीजिए, ताकि हर नई साखी की Notification आप तक पहुंच सके । 

By Sant Vachan



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