साध संगत जी सत्संग में फरमाया गया था कि एक सत्संगी को नाम लेने के बाद इन 10 बातों पर अमल जरूर करना चाहिए :
1. यदि किसी सत्संगी को दुःख में देखें तो उसका सहारा बनने की कोशिश करें क्योंकि मालिक को वही शख्श प्यारा लगता हैं जो उसके प्यारो की मदद करता हैं ।
2. यदि स्वयं को मालिक के चरणो में अर्पित कर रखा हैं, तब आपका कोई काम अधूरा नही रहेगा, क्योंकि अब आपका काम मालिक की जिम्मेदारी बन जाता हैं ।
3. वह सत्संगी बहुत अच्छा हैं जो मालिक को याद करता हैं और वह सत्संगी बड़भागी हैं जिसे मालिक याद करते हैं ।
4. यदि सत्संगी की विनती में उसकी अंतरआत्मा की पुकार भी शामिल हो जाये तो मालिक की कार्रवाई भी फ़ौरन होती है ।
5. किसी सत्संगी द्वारा आपको या फिर आप के विषय में भला-बुरा कहे जाने पर इतना जरूर समझ ले कि उसमें मालिक की रजा शामिल हैं और उसमें तुम्हारा कोई विशेष लाभ छिपा हुआ हैं ।
6. सुरत की जुबां से किया गया सुमिरन विशेष कर लाभकारी होता हैं ।
7. अंतर की आँख न भी खुले कोई बात नही लेकिन सुमिरन,ध्यान,भजन में कभी भी कोताही न हो, बाकी मालिक स्वयं देखेगा ।
8. किसी सत्संगी की गलती देखने से बेहतर हैं कि स्वयं के दोष दूर करने में समय व्यतीत करे ।
9. जिस सत्संगी ने पाँचो चोरो पर विजय प्राप्त कर ली, वह सतगुरु का प्यारा हो गया, लेकिन यह भी सतगुरु की दया के बिना संभव ही नही है ।
10. सत्संगी को कभी किसी का दिल नहीं दुखाना चाहिए क्योंकि ये ऐसा कार्य है जो मालिक भी नहीं कर सकता ।
साध संगत जी इसी के साथ हम आपसे इजाजत लेते हैं आगे मिलेंगे ऐसे ही रूहानी विचारों के साथ, अगर आपको ये वीडियो अच्छी लगी हो तो इसे और संगत के साथ शेयर जरुर करना, ताकि यह संदेश गुरु के हर प्रेमी सत्संगी के पास पहुंच सकें और अगर आप साखियां, सत्संग और रूहानियत से जुड़ी बातें पढ़ना पसंद करते है तो आप नीचे E-Mail डालकर इस Website को Subscribe कर लीजिए, ताकि हर नई साखी की Notification आप तक पहुंच सके ।
By Sant Vachan
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