आज का रूहानी विचार ।। Spiritual Thought of the day

 

एक सत्संगी को यह बात कभी किसी को नहीं बतानी चाहिए कि वह कितनी सेवा करता है और कितनी भजन बंदगी करता है क्योंकि इससे हमारे अंदर अहंकार का जन्म होता है और किसी की सहायता करते समय हमें यह नहीं सोचना चाहिए कि वह भविष्य में हमारे काम आएगा ।

बस सहायता करके उसे वही भूल जाना चाहिए क्योंकि ये आशा का भाव ही भविष्य में हमारे दुख का कारण बनता है हम जो भी कर रहे हैं वह मालिक देख रहा है उससे कुछ छिपा हुआ नहीं है और दूसरे जो कर रहे है वह भी उससे छिपा हुआ नहीं है वह सब देख रहा है तो हमें ना ही किसी को बताना चाहिए और ना ही उसकी सहायता कर उसे जताना चाहिए, बस इतना विश्वास रखना चाहिए कि जैसे उसकी सहायता के लिए मालिक ने हमें भेजा, तो ऐसे ही जब हमें आवश्यकता होगी वह मालिक हमारी मदद के लिए भी किसी ना किसी को जरूर भेजेगा ।

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