आज का रूहानी विचार ।। Spiritual Thought of the day

 

जितनी मर्जी सेवा कर लो, जितने मर्जी सत्संग सुन लो, जितने मर्जी दर्शन कर लो लेकिन अगर नाम की कमाई नहीं की तो बात नहीं बनेगी सतगुरु फरमाते है ।

" नाम विसारि चलहि अन मारग अंत कालि पछुताही " गुरु नानक साहिब की वाणी है कि तुम नाम की कमाई करने का रास्ता छोड़कर, जिस भी रास्ते पर चलने की कोशिश करोगे, आखिर मौत के समय पछताना पड़ेगा कि इतने कीमती वक्त को, बड़ी मुश्किल से मिले इनसान के जामे को, फिजूल खो दिया, भ्रमों में फंसकर खराब कर दिया क्योंकि उस नाम की कमाई के बिना कोई मालिक के घर पहुंच ही नहीं सकता, बेकार में यमदूतों के हाथों खराब होना पड़ता है, बार बार चौरासी के जेलखाने में आना पड़ता है और जब मौत के समय यमदूत पकड़कर ले जाते है तो हमारे पास पछताने के इलावा कुछ नहीं होता वह हमारे द्वारा किए गए कार्यो का हिसाब मांगते है तब हम रोते है चिलाते है भागते है लेकिन उनसे भागने का कोई उपाय नहीं होता इसलिए सतगुरु फरमाते है कि उसके नाम का जाप करों क्योंकि उसके घर केवल नाम की ही पहचान है और किसी चीज़ की नहीं "नानक के घर केवल नाम"

ऐसे ही रूहानी विचार रोजाना सुनने के लिए, नीचे अपनी E- Mail डालकर, वेबसाइट को सब्सक्राइब कर लीजिए ताकि हर नई पोस्ट की नोटिफिकेशन आप तक पहुंच सके ।


Post a Comment

0 Comments