जिस पर गुरु की खुशी है, समझो, कुलमालिक कुल कायनात, सारा जहान उस पर खुश है, संसार मे कोई उसका बाल भी बाँका नहीँ कर सकता ।
अगर गुरु खुश है, तो धरमराज कुछ नही कर सकता, न यमदूत कुछ बिगाड सकते है इसलिये प्यारे गुरु भाईयो गुरु के प्यार को मुकम्मल (पुरा) करलो, गुरु को खुश कर लो, चाहे सारी दुनिया रुठ जाए, परवाह न करो पर गुरु से सच्ची प्रिती कर लो, काल भगवान भी गुरु के शिष्ययो को छेड नही सकता, कलयुग मे मुक्ति के तीन असूल है - अव्वल गुरु , दुसरा सतसंग और तीसरा नाम की कमाई । इसलिए सौ काम छोडकर भी मालिक का भजन करना जरूरी है ।
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