एक सुंदर साखी । जो सत्संगी लोग पूजा पाठ करते है, पंडितों के पास जाते है, ये साखी जरूर सुने


गुरु प्यारी साध संगत जी यह साखी एक सत्संगी की है जो कि दिल्ली के रहने वाले हैं और उन्हें नाम मिला हुआ है और उनका एक अच्छा बिजनेस भी है साध संगत जी आज की इस साखी में हमें पता चलेगा कि अगर हमें नाम की बख्शीश हो गई है और उसके बाद हम अपने गुरु पर विश्वास ना करके लोगों पर विश्वास करते हैं तो उसका क्या नतीजा होता है आज उसके बारे में हमें पता चलेगा तो साखी को पूरा सुनने की कृपालता करें जी
गुरु प्यारी साध संगत जी एक सत्संगी परिवार जो कि दिल्ली में रहता है उनका एक बहुत अच्छा बिजनेस है साध संगत जी आप तो जानते ही हैं कि बिजनेस में कोई ना कोई बात तो होती रहती है बिजनेस में कभी हानि हो जाती है कभी लाभ हो जाता है यह दो चीजें बिजनेस में होती ही है और जो लोग बिजनेस करते हैं उन्हें बहुत कुछ देखना पड़ता है बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ता है उनका पूरा पूरा दिन काम में चला जाता है बिजनेस में चला जाता है बिजनेस करने वाले लोग बहुत ही व्यस्त रहते हैं साध संगत जी ऐसे ही इस सत्संगी परिवार के साथ भी था और उनके पड़ोस में ही उनके मित्र रहते थे जो कि हिंदू थे और पूजा पाठ करते थे वह दोनों परिवार एक दूसरे के घर आते जाते उनका अच्छा मेल मिलाप था और उनका भी बिजनेस था और बिजनेस में उनकी पार्टनरशिप भी थी जिसके कारण उन दोनों परिवारों के बीच एक अच्छा रिश्ता बना हुआ था लेकिन कुछ देर के बाद दोनों ने अपने अपने बिजनेस अलग कर लिए क्योंकि उनका काम अच्छा चल पड़ा था लेकिन इससे उनके रिश्ते में कोई कड़वाहट नहीं आई , दोनों का काम अच्छा चल रहा था और जो सत्संगी परिवार था इन्हें मालिक पर भरोसा था विश्वास था लेकिन साध संगत जी जी जैसे कि आप जानते हैं कि जब भी कोई ऐसी स्थिति आ जाती है जिसका हल हमारे पास ना हो तब हम डोल जाते हैं हम अपने मन के पीछे लग कर डोल ही जाते हैं और हमारे अंदर विश्वास की कमी आ जाती है तो ऐसे ही इनके साथ भी हुआ इन्हें बिजनेस में कोई हानि हो गई और उन्होंने अपनी सारी बात अपने पड़ोस के मित्र के साथ सांझा की उनके साथ वार्तालाप की कि इसका क्या हल हो सकता  क्योंकि उन्हें बिजनेस में बहुत बड़ा नुकसान हो चुका था और वह बहुत ही परेशान थे जिसकी वजह से उन्होंने अपने मित्र से इसके बारे में चर्चा की इसके बारे में बात की ताकि इसका कोई हल निकाला जा सके तो साध संगत जी जैसे कि आप जानते हैं कि जो पूजा पाठ करते हैं अगर उन्हें ऐसे कोई मुश्किल आ जाती है तो वह इसके लिए उपाय करते हैं जिसके पास जाने के लिए बोला जाता है उसके पास जाते हैं तो उन्होंने भी अपने मित्र को ऐसी ही सलाह दी कि तुम हमारे पंडित जी के पास जाओ वह तुम्हें उपाय बताएंगे और तुम्हारी इस मुश्किल का हल करेंगे तुम्हें उनके पास जाना चाहिए उन्होंने उनका पता बता दिया और उन्होंने वैसे ही किया वह उनके पास चले गए क्योंकि साध संगतजी जब भी ऐसी कोई स्थिति होती है तब हम डोल ही जाते हैं हमारे अंदर विश्वास बिल्कुल भी नहीं रह जाता साध संगत जी जो ऐसी स्थिति में मालिक पर विश्वास रखता है कुल मालिक पर भरोसा रखता है मालिक उसकी संभाल जरूर करता है लेकिन जो डोल जाते हैं तब मालिक को यह देखकर दुख भी होता है कि मेरे बच्चों को मेरे पर विश्वास नहीं है तो उन्होंने भी ऐसे ही किया, उनके बताए गए अनुसार उनके पास चले गए और जब वह उनके पास गए तो जो वह सत्संगी था उसने अपना हाथ उनको दिखाया और जब उन्होंने अपना हाथ उनको दिखाया तब जो पंडित जी थे उन्होंने हाथ देखकर ही बोल दिया कि तुम्हारा गुरु इतना बड़ा है गुरु की शरण तुम्हें मिली हुई है तुम्हें किस बात की चिंता है, पंडित जी ने हाथ देखकर कहा, की तुम्हे हाथ दिखाने की क्या जरूरत हैं !! तुमने तो बहुत पहुंचे हुए गुरु से नाम दान लिया हुआ हैं ! तुम अपने गुरु की शरण में जाओ !
तब उस सत्संगी ने कहा की, मैं जैसे कर्म करुगाँ, मुझे वैसा ही फल मिलेगा ! गुरु जी के होने से मेरे कर्मो का फल तो नहीं बदल जायेगा ? पंडित जी ने कहा, की यह सत्य हैं, की कर्मो के अनुसार ही फल मिलता हैं, लेकिन जब गुरु साथ में होता है तो कर्मो का फल कई गुना बढ जाता हैं और यह बात सुनकर उस सत्संगी ने कहा कि यह कैसे हो सकता है तब उसे पंडित जी ने समझाने की कोशिश की कि अगर तुम क्रिकेट का बल्ला बेचने जाओ तो तुम्हें उसकी क्या कीमत मिल सकती है तो उस सत्संगी ने जवाब दिया कि कुछ हजारों में मुझे उसकी कीमत मिल सकती है इससे ज्यादा तो मुझे नहीं मिल सकती और यह बात सुनकर पंडित जी ने कहा कि अगर वही बल्ला सचिन तेंदुलकर बेचे तो उसकी कीमत कितनी होगी तब उस सत्संगी ने कहा कि अगर वह बल्ला सचिन तेंदुलकर बेचे तब उसकी कीमत लाखों में जा सकती है और उसके बाद पंडित जी ने कहा कि अगर तुम्हें कोई गाने के लिए कहे तो तुम्हें कितने पैसे मिल सकते हैं तो उस सत्संगी ने कहा मुझसे गाना सुनना कोई पसंद नहीं करेगा लेकिन अगर कोई महान गायक गाना गाए तो उसे लाखों में उसकी कीमत मिल सकती है तो यह बात सुनकर पंडित जी ने कहा बिल्कुल सही, इसी तरह तुम्हारी किस्मत का फैसला तुम्हारे गुरु के हाथो में होने के कारण उसकी कीमत बढ जाती हैं , पंडित जी की ये बातें सुनकर वह सत्संगी अपने गुरु की महानता को समझ गया था और उस समय उसकी आंखों में आंसू भी आ गए थे कि मैं भटक गया था मेरे मालिक ने मेरा मार्गदर्शन फिर से कर दिया और उस समय उसे अपने सतगुरु पर विश्वास हो गया, मालिक की कृपा उस पर हो गई और तब उसने अपना हाथ किसी को ना दिखाने और केवल अपने गुरु पर विश्वास रखने की बात कही कि वह आज से अपना हाथ किसी को नहीं दिखाएगा और अपने गुरु के हुक्म में रहकर गुरु के भाने में रहकर जीवन व्यतीत करेगा और अपने सतगुरु पर विश्वास रखेगा ऐसा प्रण उस सत्संगी ने लिया साध संगत जी इस साखी से हमें भी यही प्रेरणा लेनी है कि हमें भी अपने सतगुरु पर पूरा विश्वास रखना है क्योंकि हम सभी जानते हैं कि कभी ना कभी हम भी डोल जाते हैं क्योंकि अभी हमारी अवस्था वह नहीं है जो कि एक कमाई करने वाले सत्संगी की होती है जिनकी सूरत हर समय मालिक से जुड़ी रहती है रहते वह पृथ्वी पर हैं लेकिन उनकी सूरत मालिक से जुड़ी रहती है और जब तक हमारी अवस्था वह नहीं बन जाती तब तक हमें अपने सतगुरु पर पूरा विश्वास रखकर इस मार्ग पर चलना है अपने सतगुरु की खुशियां प्राप्त करनी है गुरु घर की खुशियां प्राप्त करनी है ।

साध संगत जी इसी के साथ हम आपसे इजाजत लेते हैं आगे मिलेंगे एक नई साखी के साथ,अगर आप साखियां, सत्संग और सवाल जवाब पढ़ना पसंद करते है तो आप नीचे E-Mail डालकर इस Website को Subscribe कर लीजिए, ताकि हर नई साखियां, सत्संग और सवाल जवाब की Notification आप तक पहुंच सके ।

By Sant Vachan

Post a Comment

0 Comments