जब भी बैठो मालिक के आगे अरदास करो और कहो कि हे मालिक ! मेरा भज्जन सिमरन में मन लगे, अंदर का रस आये, मुझमें इतनी ताकत नही है कि मैं भज्जन सिमरन पर बैठ सकु, तू हि मुझे नींद से उठा कर भज्जन सिमरन पर बैठा सकता हैं, मुझमें इतनी हिम्मत नही हैं कि मैं खुद उठ सकु ।
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