पलटू साहिब कहते है, सन्तों की वाणी में बहुत मिठास होती है, जिससे वज़्र के समान कठोर हृदय भी पिघल जाता है, उनकी रहनी-सहनी, उनकी वाणी, उनके व्यवहार और उनकी मुस्कान में रूहानियत की सुगन्ध होती है, उनकी मधुर वाणी सुनने से ही नहीं, बल्कि उनके दर्शन से भी दुःखी व्यक्ति के मन को शान्ति मिलती है, वह अपने हर प्रकार के कष्ट को भूल जाता है, अपने दुख की ओर से भी उसका ध्यान एकदम हट जाता है, सन्त चन्दन और चन्द्रमा की तरह मनुष्य को ठंडक पहुँचाते हैं ।
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