साध संगत जी ये साखी एक सत्संगी मास्टर जी की है जिन्हे सभी प्यार से सत्संगी मास्टर जी कहकर पुकारते है तो आइए बड़े ही प्यार से आज का ये प्रसंग सरवन करते है ।
एक दिन की बात है कि मास्टरजी अपने एक अनुयायी के साथ प्रातः काल सैर कर रहे थे कि अचानक ही एक व्यक्ति उनके पास आया और उन्हें भला-बुरा कहने लगा, उसने पहले मास्टर जी के लिए बहुत से अपशब्द कहे पर बावजूद इसके मास्टर जी मुस्कुराते हुए चलते रहे, मास्टर जी को ऐसा करता देख वह व्यक्ति और भी क्रोधित हो गया और उनके पूर्वजों तक को अपमानित करने लगा पर इसके बावजूद मास्टर जी मुस्कुराते हुए आगे बढ़ते रहे, मास्टर जी पर अपनी बातों का कोई असर ना होते हुए देख अंततः वह व्यक्ति निराश हो गया और उनके रास्ते से हट गया, उस व्यक्ति के जाते ही अनुयायी ने आश्चर्य से पुछा ,” मास्टरजी आपने भला उस दुष्ट की बातों का जवाब क्यों नहीं दिया, और तो और आप मुस्कुराते रहे, क्या आपको उसकी बातों से कोई कष्ट नहीं पहुंचा ? मास्टरजी कुछ नहीं बोले और उसे अपने पीछे आने का इशारा किया, कुछ देर चलने के बाद वे मास्टरजी के कक्ष तक पहुँच गए, मास्टरजी बोले , ” तुम यहीं रुको मैं अंदर से अभी आया, मास्टरजी कुछ देर बाद एक मैले कपड़े को लेकर बाहर आये और उस अनुयायी को थमाते हुए बोले , ” लो अपने कपड़े उतारकर इन्हे धारण कर लो ? कपड़ों से अजीब सी दुर्गन्ध आ रही थी और अनुयायी ने उन्हें हाथ में लेते ही दूर फेंक दिया, मास्टरजी बोले , ” जिस तरह तुम इन मैले कपड़ों को नहीं ग्रहण कर सकते ? ठीक इसी तरह मैं भी उस व्यक्ति द्वारा फेंके हुए अपशब्दों को नहीं ग्रहण कर सकता तो मास्टर जी की ये बात सुनकर वह समझ गया था कि वो उसे क्या समझाना चाहते है तो साध संगत जी हमें इतना याद रखना है कि यदि हम किसी के बिना मतलब भला-बुरा कहने पर स्वयं भी क्रोधित हो जाते है तो इसका अर्थ है कि हम अपने साफ़-सुथरे वस्त्रों की जगह उसके फेंके फटे-पुराने मैले कपड़ों को धारण कर रहे है, तो साध संगत जी इस साखी से हमें यही प्रेरणा मिलती है कि अगर हमें कोई भला बुरा सुना देता है तो हमें केवल उसके आगे हाथ जोड़ देने है और यही हमारे संत महात्माओं ने हमें सिखाया है और वाकी सभ मालिक पर छोड़ देना है ।
साध संगत जी इसी के साथ हम आपसे इजाजत लेते हैं आगे मिलेंगे एक नई साखी के साथ, अगर आपको ये साखी अच्छी लगी हो तो इसे और संगत के साथ शेयर जरुर कीजिए, ताकि यह संदेश गुरु के हर प्रेमी सत्संगी के पास पहुंच सकें और अगर आप साखियां, सत्संग और रूहानियत से जुड़ी बातें पढ़ना पसंद करते है तो आप नीचे E-Mail डालकर इस Website को Subscribe कर लीजिए, ताकि हर नई साखी की Notification आप तक पहुंच सके ।
By Sant Vachan
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