Saakhi : एक ऐसे संत जो कुरान की ये आयते पढ़कर मुर्दों को भी जिंदा कर देते थे । जरूर देखें

 

साध संगत जी आज की साखी शम्स तबरेज जी के समय की है जब उस समय एक राजा के इकलौते पुत्र की मृत्यु हो गई थी तो शम्स तबरेज जी ने कैसे उस राजा के पुत्र को जीवन दान दिया था आईए बड़े ही प्यार से आज का ये प्रसंग सरवन करते है ।



शम्स तबरेज जी के समय की बात है एक राजा का ईकलौता पुत्र मर गया ! राजा अपने पुत्र से बड़ा प्यार करता था, राजा अपने बेटे की लाश पर पागलो की तरह रोने लगा राजा ने अपने वजीर को बुलाया और कहां के तुमने मेरी बड़ी सेवा की है मेरा एक काम और कर दो मेरे बेटे को जिन्दा करवा दो वजीर ने कहां महाराज राजकुमार को कोई वैद्य याँ हकीम जिन्दा नही कर सकता मगर मैने सुना है की मुस्लमान जो कुरान पड़ते है उस कुरान की आयतो मे जिक्र आता है की अल्लाह-त-आला मूर्दो को भी जिन्दा कर सकता है ! राजा ने कहा की अभी ईसी वक्त किसी ऐसे ही व्यक्ति को बुला कर लाओ जो मेरे पुत्र को जीवित कर सके तो वजीर ने कहा महाराज वो मुस्लमान है मगर आप नही !!राजा ने वजीर की.बात को काटते हुए कहा, तो क्या हुआ !! अगर वह मुसलमान है तो यह सुनने के बाद वजीर को यह बात समझ में आ जाती है की जब इंसान पर मुसीबत पड़ती है तो इंसान किसी की जात पात नहीं देखता तो राजा कहता है ए वजीर चाहे वो कोई भी जात का हो हमे हमारा बेटा जिन्दा चाहिये ! वजीर ने शहर के सब काजी, फकीर और दरवेशो को राजा के महल आने के लिए कहा दुसरे दिन सब फकीर दरवेश राजा के दरबार मे ईकट्ठे हो गये ! उन सब दरवेशो मे मौलाना रूम भी शामिल थे मौलाना रूम सब फकीर और दरवेशो मे सबसे बड़े औहदे पर थे राजा ने मौलाना रूम से रोकर गुजारिश की और कहां ए दरवेश मेरा ईकलौता पुत्र बिमारी की वजह से मौत की नीँद सो गया है आप उसके जिस्म मे जान डाल कर उसे जिन्दा कर दो हम तुम्हे हीरे मोतीयों से माला माल कर देंगे ! मौलाना रूम ने कहां महाराज हम सब दरवेश है फकीर है हमे दौलत का कोई लालच नही है ! मगर सच् यह है की हम आपके बेटे को जिन्दा नही कर सकते, जिन्दगी और मौत तो अल्लाह के हाथ मे है वजीर ने आगे बड़ कर कहां की आप जो कुरान पड़ते है उसमे लिखा है की कोई अल्लाह का नेक बन्दा कुरान की फ्लां आयत को पड़े तो मुर्दा भी जिन्दा हो जाता है ईस पर मौलाना रूम ने कहां की आपकी बात सच् है मगर हम वो फकीर नही है हमे जाहिरी ज्ञान है हम कुरान सिर्फ ऊपर ऊपर से पड़ते है !! आपके राजकुमार को कोई बातिनी ज्ञान वाला बकाबिल्लाह तक पहुँचा हुआ फकीर ही जिन्दा कर सकता है राजा ने बड़ी उत्सुकता से पुछा की ऐसा फकीर कहां मिलेगा ! मौलाना रूम ने कहां के महाराज ऐसे फकीरों की कोई खास जगह यां ठिकाना नही होता ईस पर राजा ने गुस्से मे आकर सब फकीरो को हुक्म दे दिया ! कि अगर 10 दिन के अन्दर कोई बकाबिल्लाह फकीर ढूंड कर मेरे सामने नही लाए ! तो मै तुम सब को फाँसी चड़ा दूंगा ! तो ये सुनने के बाद वहां पर मौजूद सब फकीरों ने बड़ी गुजारिश की मगर राजा ने एक न सुनी !! सब फकीर और दरवेश फाँसी के डर से अल्लाह के उस नेक बन्दे को ढुंढने मे लग गये, ढूंढते-2 आठ दिन गुजर गये ! 9वे दिन मौलाना रूम किसी जंगल मे से गुजर रहे थे ! तभी मौलाना रूम और सब फकीरो को अल्लाह हूं की अवाज आई आवाज मे बड़ी कशिश थी सब फकीर उस आवाज की तरफ बड़ने लगे जब आगे जाकर देखा एक फकीर समाद्यी पर बैठा हुआ था वो फकीर स्वंयम शम्स तबरेज ही थे आवाज उनके मुँह से नही उनके जिस्म से आ रही थी सब फकीरो ने जाकर हजरत शम्स तबरेज को सलाम किया कुछ देर बाद शम्स तबरेज ने आँखें खोली ! और सब फकीरों से पूछा भाई तुम कौन हो ! और इस जंगल मे क्या कर रहे हो तो मौलाना रूम ने सारी बात शम्स तबरेज को बताई ! इस पर शम्स तबरेज ने कहां की मै आपकी कोई मदद नही कर सकता मै तो एक मामूली फकीर हूँ मौलाना रूम ने कहां हम सब आपकी पनाह मे आए है हमारी मदद कीजिए ! नही तो हम सब बेमौत मारे जाऐंगे !! शम्स तबरेज ने मौलाना के बार बार गुजारिश करने पर हाँ कर दी ! सब फकीर शम्स तबरेज के साथ राजा के महल मे पहुँच गये ! राजा देखते ही समझ गया की यही वो फकीर है ! राजा ने हजरत शम्स तबरेज को झुक कर सलाम किया ! राजा के हुक्म से राजा के सैनिक राजकुमार की लाश को शम्स तबरेज के सामने ले आए ! शम्स तबरेज ने राजकुमार की लाश को देखा और एक वाक्य पड़ा कुम्बे-इजनिल-लाह जिसका मतलब है कि ए राजकुमार की आत्मा तुमको अल्लाह का हुक्म है की इस शरीर मे चली जाओ ! मगर कुछ नही हुआ ! शम्स तबरेज ने वाक्य को फिर दोहराया मगर कुछ नही हुआ फिर शम्स तबरेज ने कहां कुम्बे-ईजनी जिसका अर्थ है कि ए राजकुमार की आत्मा मेरा हुक्म है की ईस शरीर मे आ जाओ ! उसी वक्त राजकुमार का मुर्दा शरीर हरकत मे आ गया, चेहरे की रौनक गुलाब के फूलों जैसी हो गई राजकुमार उठ कर खड़ा हो गया और अपने पिता के गले लग गया राजा ने सब फकीरों को फाँसी की सजा से आजाद कर दिया और शम्स तबरेज के पैरों मे घिर कर उनका धन्यवाद किया तो साध संगत जी इस साखी से हमें यह पता चलता है कि परमात्मा का कानून सब के लिए एक है वो किसी के लिए नही बदलता !! लेकिन जो शबद् स्वरूप कामल मुर्शद होते है वो जीवआत्माओ की भलाई के लिए अपने कोटे मे से बहुत कुछ दे देते है !! कामल मुर्शद सब कुछ करने मे सक्षम होते है और अल्लाह उनकी हर बात को पूरी करता है क्योंकि वह उसके प्यारे होते है और संतों का कहां हुआ कोई बदल नहीं सकता, संत पलटू साहिब कहते है "पल्टू लिखा नसीब का सन्त देत है फेर" जैसे कि अक्सर फरमाया जाता है कि परमात्मा का लिखा हुआ संत बदल सकते लेकिन संतों का कहा हुआ कोई बदल नहीं सकता इतना प्यार मालिक अपने भक्तों और प्यारों से करता है कि उनकी हर बात को पूरी करता है, कामिल मुर्शिद देखने में हम जैसे ही लगते है लेकिन वह परमात्मा का रूप होते हैं और उसका हुक्म लेकर इस पृथ्वी पर आते और जीव आत्माओं का उद्धार करते हैं ।

शिक्षा : एक कामिल मुर्शिद सब कुछ कर सकता है लेकिन वह मालिक के हुकुम को सर्वश्रेष्ठ रखकर चलता है और उसके लिए कुछ भी असंभव नहीं होता असंभव भी उसके आगे संभव हो जाता है ।

साध संगत जी इसी के साथ हम आपसे इजाजत लेते हैं आगे मिलेंगे एक नई साखी के साथ, अगर आपको ये साखी अच्छी लगी हो तो इसे और संगत के साथ शेयर जरुर कीजिए, ताकि यह संदेश गुरु के हर प्रेमी सत्संगी के पास पहुंच सकें और अगर आप साखियां, सत्संग और रूहानियत से जुड़ी बातें पढ़ना पसंद करते है तो आप नीचे E-Mail डालकर इस Website को Subscribe कर लीजिए, ताकि हर नई साखी की Notification आप तक पहुंच सके । 

By Sant Vachan


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