जब भी भजन सिमरन करने के लिए बैठो तो एक बात जरूर याद रखो कि हमारा भजन-सिमरन सतगुरु के सच्चे प्रेम तथा उसके हुक्म के पालन की भावना के साथ होना चाहिए, पक्के विश्वास और भरोसे के बिना केवल मशीन की तरह किये गये भजन-सिमरन से कोई विशेष लाभ न होगा और याद रहे सच्चे प्रेम से ही हमें सतगुरु पर भरोसा आता है ।
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