साध संगत जी आज की साखी मुंबई शहर में रहने वाले एक सत्संगी परिवार की लड़की की है आज की इस साखी में हमें यह पता चलेगा कि अगर कोई हमारे साथ बुरा करने के बारे में सोच रहा है या फिर कोई हमारे साथ बुरा करना चाहता है हमारा नुकसान करना चाहता है तो उस समय जो गुरु है जो सतगुरु है वह कैसे हमारी संभाल करता है कैसे हमें ऐसी परिस्थितियों से बचा कर रखता है कैसे हमारे साथ बुरा होने से वह हमारी संभाल करता है यह आज हमें इस साखी से पता चलेगा साध संगत जी आप जी से विनती है की साखी को पूरा सुनने की कृपालता करें जी और साखी शुरू करने से पहले आप जी से एक विनती ये भी की जाती है कि अगर आप शब्द सुनना पसंद करते हैं तो आप हमारे YouTube चैनल को सब्सक्राइब कर सकते हैं Click here to subscribe : www.youtube.com/rssupdate
साध संगत जी यह साखी मुंबई शहर में रहने वाले एक सत्संगी परिवार की है और उनकी एक लड़की है जो कि वहां पढ़ाई करती है साध संगत जी मुंबई शहर कैसा है यह तो आप अच्छे से जानते ही हैं कि वहां पर कैसा महौल है कैसी वहां की संगत है साध संगत जी सत्संगी परिवार की लड़की जो कि वहां पर पढ़ाई करती है यह उसकी सच्ची आप बीती है जो जो उसके साथ हुआ है वह आपसे सांझा करने जा रहा हूं साध संगत जी वह लड़की वहां पर पढ़ाई करती है एक सत्संगी परिवार से होने के कारण उसे अपने घर के बारे में पता था कि मेरे घर वाले कैसे हैं इसलिए वह ज्यादा किसी से बात नहीं करती और ना ही उसके इतने ज्यादा दोस्त थे वह केवल पढ़ाई में ध्यान देती थी और अक्सर पढ़ाई में टॉप किया करती साध संगत जी लेकिन आप तो जानते ही हैं कि माहौल का असर कभी ना कभी तो हमारा मन ले ही लेता है हमारे मन पर माहौल का असर पड़ता ही पड़ता है तो ऐसे ही इस लड़की के साथ भी हुआ इसने कभी भी ज्यादा किसी से बात नहीं की थी केवल अपनी पढ़ाई पर ध्यान देती थी और पढ़ाई कर कर सीधा अपने घर जाती थी लेकिन जैसे-जैसे उसके वहां पर दोस्त बनने शुरू हो गए उस पर उनका प्रभाव पड़ने लगा क्योंकि साध संगत जी आप तो जानते ही हैं कि आजकल के स्टूडेंट्स जो पढ़ाई करते हैं वह कैसे कैसे काम करते हैं तो उनका असर उस लड़की पर पड़ना शुरू हो गया उसकी कंपनी ऐसी थी जो शराब भी पीते थे और मांस आदि का भी सेवन करते थे उसके ऐसे दोस्त बन गए थे और उसका असर उस पर भी होने लग गया था उसके कुछ लड़के दोस्त बन गए थे और कुछ लड़कियां उसकी दोस्त बन गई थी लेकिन वह लड़की अक्सर पढ़ाई में अब्बल आती थी जिसके कारण कुछ लड़के और लड़कियां उससे इर्रखा करते थे उससे जलते थे और भी बहुत सारी बातें थी जिससे कि वह उस लड़की से जलते थे अक्सर उस को परेशान करने की कोशिश करते थे लेकिन वह कुछ नहीं बोलती थी जिस दिन वह पहले दिन कॉलेज गई थी तब उसे बहुत परेशान करने की कोशिश की गई थी लेकिन उसने कुछ नहीं कहा था उसे इसलिए भी परेशान किया जाता था क्योंकि वह चुप चुप सी रहती थी ज्यादा किसी से बात नहीं करती थी इसलिए भी उसे ज्यादा परेशान करने की कोशिश की जाती थी लेकिन जब उस लड़की पर ऐसी संगत का असर पड़ना शुरू हो गया तो वह भी ऐसे कामों में लग पड़ी उस पर माहौल का असर पड़ ही गया उसके दोस्तों ने उसे अपने साथ ऐसे कार्यों में लगा लिया जो कि एक सत्संगी को शोभा नहीं देते और एक दिन उसके परिवार वालों को भी मालूम हो गया था कि हमारी लड़की बुरी संगत में चली गई है बुरी संगत में पड़ गई है जिसके कारण उसके परिवार वालों ने उसे बहुत डांटा और उसे समझाने की कोशिश की लेकिन साध संगत जी उस लड़की पर इतना गहरा प्रभाव पड़ चुका था कि वह चाह कर भी यह सब नहीं छोड़ सकती थी तो लड़की के घरवालों ने सोचा कि हमारी लड़की खराब होती जा रही है बुरी संगत में पड़ गई है तो उसे मार्गदर्शन देने के लिए उसे सही मार्ग पर लेकर आने के लिए उन्होंने लड़की को नाम लेने का सुझाव दिया कि बेटा अब आपकी उम्र भी हो गई है और आपको अभी नाम ले लेना चाहिए वह अक्सर सतगुरु के पास जाया करते थे और उन्होंने लड़की को नाम लेने के लिए जोर डाला उन्होंने उसे कहा कि बेटा तुम्हें नाम ले लेना चाहिए तो अपने घर वालों के कहने पर लड़की ने नाम ले लिया लेकिन साध संगत जी उसने नाम केवल अपने घर वालों के कहने पर लिया था उसका अपना मन नाम लेने को नहीं मान रहा था तो इसी के कारण नाम लेने के बाद भी उसकी वह आदतें नहीं गई वह नाम लेने के बाद भी यह सब करती रही जिससे कि उसके घर वाले और भी परेशान हो गए कि अब तो इसे नाम भी मिल गया है हमें लगा था कि यह नाम लेकर सुधर जाएगी इसे समझ आ जाएगी ये रोहानियत से जुड़ जाएगी लेकिन इस पर तो कोई फर्क ही नहीं पड़ा है तो वह और भी परेशान हो गए साध संगत जी लड़की के पिता ने पहले यह जानने की कोशिश की कि मेरी लड़की की संगत कैसी है तो जब उन्हें पता चला कि लड़की की संगत बहुत बुरी है तो उन्होंने उन सभी से बात करने की कोशिश की जो उनकी लड़की के दोस्त थे जो लड़कियां उसकी दोस्त थी लेकिन उनको बात कर कर लगा कि इसे कोई हल होने वाला नहीं है तो इसलिए लड़की के पिता ने जो लड़की के दोस्त हैं उनके घर वालों से वार्तालाप करने की कोशिश की कि आपके बच्चे कॉलेज में यह सब करते हैं ऐसे ऐसे काम करते हैं तो उन्होंने अपने बच्चों को बहुत डांटा क्योंकि जब माता पिता को पता चले कि हमारे बच्चे कॉलेज के नाम पर ऐसे ऐसे काम करते हैं तो उन्हें गुस्सा तो आता ही है तो उन्होंने भी अपने बच्चों को बहुत डांटा और इसी बात को लेकर जो लड़की के दोस्त थे उन सभी ने लड़की से बहुत लड़ाई झगड़ा किया क्योंकि उनको पता चल चुका था कि इसके पिता ने ही हमारे घर में सब कुछ बताया है इसलिए हमारी बातें हमारे घर वालों को पता चली है तो वह बहुत गुस्से में थे और उनका उस लड़की से बहुत लड़ाई झगड़ा हुआ क्योंकि उनके घर वालों को पता चल चुका था कि हमारे बच्चे कॉलेज में क्या-क्या करते हैं तो उन सभी को लड़की पर बहुत गुस्सा आ रहा था कि तेरे पिता ने ऐसा क्यों किया उन्होंने हमारे घर पर यह सब क्यों बताया, क्यों उन्होंने हमारी बातें घर पर बताई तो उन्हें बहुत गुस्सा आ रहा था तो लड़की ने भी उल्टा उन्हें कुछ बोल दिया तो लड़ाई बहुत बढ़ गई क्योंकि उसके जो दोस्त थे वह उसके पिता को गलत बोलने लग गए थे उसके पापा को उन्होंने बहुत सारी गालियां दी जिसके कारण लड़की को बहुत बुरा लगा लड़की ने भी उन्हें बहुत कुछ सुनाया और इसी के कारण उनकी अनबन हो गई और जो लड़की के सभी दोस्त थे उन्होंने यह मन बना लिया कि हम इसे सबक सिखा कर रहेंगे तो उन्होंने एक साजिश की उनकी साजिश यह थी कि उन्होंने दोबारा से लड़की को बुलाना शुरू कर दिया और उससे माफी मांग ली और उसको वह एक पार्टी में बुलाना चाहते थे उनमें से किसी का जन्मदिन था तो उसी की पार्टी उन्होंने रखी थी तो उस पार्टी में उन सभी ने साजिश की हुई थी कि हम फिर से शराब पिएंगे और इसको भी पिलाएंगे और उन्होंने यह पूरा प्लान बना रखा था कि जब इसको हम शराब पिलाएंगे तो इसको इसके घर छोड़ने कोई नहीं जाएगा इसको अकेला ही रोड पर छोड़ देंगे ताकि इसका नुकसान हो सके इसके साथ गलत हो सके साध संगत जी उन्होंने ऐसा ही किया उन्होंने उस पार्टी में शराब का सेवन किया और उस लड़की को भी पिलाई ताकि उसका नुकसान किया जा सके और जैसा वह सोच रहे थे बिल्कुल वैसा ही हुआ जब उस लड़की को कोई होश ना रहा तो उसका फोन उससे छीन लिया और उसे ऐसी हालत में छोड़ दिया ताकि कोई आकर उसका नुकसान कर सके और उसके साथ कुछ गलत हो सके तो साध संगत जी उस समय जो हुआ वह सुनकर हमारी भी आंखों में आंसू आ जाएंगे साध संगत जी जब उसे ऐसी हालत में छोड़ दिया गया तब अचानक पीछे से एक ऑटो आया और उस ऑटो वाले ने लड़की को अपने ऑटो में बिठाया और उसे घर छोड़कर चला गया और जब वह लड़की सुबह उठी तो उसे समझ में आया कि मैं तो कल रात पार्टी में थी और मैंने बहुत शराब पी हुई थी और उसके बाद मैं घर की तरफ आ रही थी क्योंकि मेरे दोस्तों ने मुझे घर पर नहीं छोड़ा और उसने देखा कि मेरा फोन भी मेरे पास नहीं था वह भी उन्होंने ले कर फेंक दिया था और मुझे मेरे घर वालों के बहुत फोन कॉल्स आए होंगे वह भी बहुत परेशान हो रहे होंगे जब सुबह उठी तो उसके मन में यह बहुत सारे सवाल चल रहे थे लेकिन जब उसे पता चला की एक ऑटो वाला आया था वह मुझे बिठाकर मेरे घर पर छोड़ गया और उसे इस बात की हैरानी थी कि उसे मेरे घर का पता कैसे पता था और उसने मुझे ऑटो में क्यों बिठाया क्योंकि मैं तो उसे जानती भी नहीं थी तो ये कैसे हो सकता है कि कोई अनजान आदमी आए और मुझे बिठाकर मेरे घर पर छोड़ जाए जबकि उसे मेरे घर का भी नहीं पता, जब यह बात उसने अपने घर वालों को बताई तो लड़की की मां ने अपने भरे हुए मन से कहा कि वह हम जैसे मूर्खों की संभाल करने आ जाते हैं वह हम जैसे नालायकओ की संभाल करते हैं जबकि हम कितने कितने बुरे कर्म हम करते हैं लेकिन फिर भी वह हमारी संभाल करते हैं क्योंकि उन्होंने जिम्मेवारी ली है और यह कह कर उसकी मां की आंखों से आंसू आ गए और यह सुनकर उस लड़की को भी समझ आ चुका था कि मां क्या कह रही है उसे समझ आ गया था कि वह सतगुरु ही थे जिन्होंने मेरी संभाल की है नहीं तो मेरे साथ कुछ बुरा हो जाना था तो वह अपनी मां के गले लग कर रोने लग पड़ी और उस समय उसकी मां ने अपनी लड़की को कहा कि आज से तु मुझसे वादा कर कि आज से तू कभी भी ऐसा कोई गलत काम नहीं करेगी जिससे हमें ठेस पहुंचे या फिर कोई हमारे सतगुरु की तरफ उंगली करें यह सुनकर लड़की ने अपनी मां से यह वादा किया और उस दिन से लड़की ने एक सही मार्ग पकड़ा और उसने बैठक करनी भी शुरू कर दी साध संगत जी ऐसे ऐसे सतगुरु हमारी संभाल करते है हम कुछ करते हैं या नहीं करते लेकिन फिर भी वह हमारी संभाल करते है तो हमें और क्या चाहिए हमारे पास किस चीज की कमी है उस मालिक ने हमें नाम की बख्शीश कर दी है और हर पल वह हमारी संभाल करता है लेकिन अगर फिर भी हम कुछ नहीं करते तो हम उस कुल मालिक के आगे क्या मुंह लेकर जाएंगे जब वह हमसे पूछेगा कि भाई सब कुछ तो तुझे दे दिया गया था नाम की बख्शीश तुझे हो गई थी एक पूर्ण संत महात्मा ने नाम की बख्शीश तुझे कर दी थी लेकिन फिर भी कुछ नहीं किया तो तब हमारे पास पछतावा करने के इलावा और कुछ भी नहीं होगा,तो इसलिए अभी भी समय है अभी भी हमें समझ जाना चाहिए कि हमारे सतगुरु की कितनी कृपा हम पर हो रही है कितनी अपार कृपा उनकी हम पर बनी हुई है और हमें उनके भाने में रहकर सिमरन करना है नाम की कमाई करनी है और उनकी खुशियां प्राप्त करनी है ।
साध संगत जी इसी के साथ हम आपसे इजाजत लेते हैं आगे मिलेंगे एक नई साखी के साथ,अगर आप साखियां, सत्संग और सवाल जवाब पढ़ना पसंद करते है तो आप नीचे E-Mail डालकर इस Website को Subscribe कर लीजिए, ताकि हर नई साखियां, सत्संग और सवाल जवाब की Notification आप तक पहुंच सके ।
By Sant Vachan
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